वैदिक गणित
वैदिक गणित पुराने गणितज्ञों द्वारा दी गई गणित की सामान्य गणनाओं को गिनने की विधि हैI इनके माध्यम से गणित की जोड़, बाकी , गुणा , भाग को सरल व मौखिक ज्ञात किया जा सकता हैI वैदिक गणित सूत्रों पर आधारित हैI वैदिक गणित हाल ही में हमारे पुस्तकों व प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछी जाने लगी हैI
वैदिक गणित को सीखने के लिए कुछ अभ्यास की जरूरत होती हैI वैदिक गणित वर्ग 10 TH के लिए भी उपयोगी है और हमारे आम जीवन में तो काम आती ही है I
यहाँ पर आपको सम्पूर्ण वैदिक गणित की विस्तार से जानकारी दी जाएगीI
इसमें निम्न भाग सम्मिलित किये जायेंगे-- जोड़
- बाकी
- गुणा
- भाग
- घन
- वर्ग
- वर्गमूल
- घनमूल
वैसे तो हम हमारे आम जीवन में जोड़ का बहुत महत्व है I जिसमे हम थोड़ा जटिल विधि अपनाते है; वैदिक जोड़ की तुलना में I
हम जो जोड़ करते है अगर उसमे हासिल बड़ी हो जाती है तो गणना को गिनने में दिकत आती है I लेकिन इस जोड़ की माध्यम से गणना सरल व हासिल रहित या निम्न हसीलयुक्त हो जाती हैI
उदाहरण के माध्यम से समजते है-
Q १. 2002+9856+4586 वैदिक विधि से जोड़ोI
हल: सर्वप्रथम इन आंकड़ों को स्तम्भ के रूप में लिखना है जैसे हम अपनी विधि काम में लेते हैI
2002
9856
+ 4586
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इसका एक नियम है की जब अंको को जोड़ते समये अगर अंक १० से ज्यादा जो हो जाता है तो उसके बिलकुल आगे वाले अंक पर एकाधिक लगा देते है।
आइए हस्तलिखित उदाहरण से समझते है।
अभी के लिए बस इतना ही।
नमस्कार
खमा घणी।
Muje samj me aaya
ReplyDeleteवैदिक गणित कि बाकी
ReplyDeleteYah
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